प्रस्तुत पुस्तक ‘भारत का संविधान Bare Act’ यूपीएससी तथा अन्य न्यायिकसेवा की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत महत्त्वहृश्वार्ण है। UPSC परीक्षा में प्रशासनकी तीन शाखाओं अर्थात् कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका सहित प्रशासनिकप्रणाली के प्रति अभ्यर्थी की समझ का आकलन किया जाता है। पाठ्यक्रम में शामिलराजव्यवस्था और शासन विषय की तैयारी में पुस्तक में दिए गए महत्वपूर्ण अधिनियम,कानून, नियम और संशोधन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पुस्तक में वर्णित अधिनियम नकेवल इसलिए महत्वपूर्ण हैं कि उनसे सीधे प्रश्न पूछे जाते हैं, बल्कि ये सरकारी कार्यों औरयोजनाओं के पीछे के कारणों और सिद्धांतों को भी समझने में मदद करते हैं। इसी प्रकारन्यायिक सेवा की परीक्षाओं के अभ्यर्थियों को भी भारतीय संसद द्वारा पारित सभी कानूनोंकी व्यापक समझ होनी चाहिए। देश या राज्य के कानून मुख्य रूप से संसद और राज्य केविधानमंडल द्वारा बनाए जाते हैं। संसद के दोनों सदनों से पारित विधेयक को राष्ट्रपति कीअनुमति मिलने के बाद ही वह अधिनियम बनता है। इन अधिनियमों में आवश्यकतानुरूपभिन्न-भिन्न धाराएं, उपधाराएँ, खंड और अनुसूचियां आदि होते हैं, अतः अधिनियम कोअनुसूची, धारा तथा खंड के अनुसार अलग-अलग अध्याय में बांट कर Bare Act के रूपमें प्रस्तुत किया जाता है। उल्लेखनीय है कि Bare Act में मात्र संसद द्वारा दिए गए शब्दहोते हैं अर्थात जैसा अधिनियम संसद द्वारा बनाया गया है बिल्कुल वैसा ही Bare Act मेंप्रस्तुत किया जाता है।

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